ओशो क्यों प्रसिद्ध हैं? - ओशो ने बोलना कब बंद किया ? - ओशो से संबंधित कुछ प्रशन

भगवान रजनीश (ओशो) एक भारतीय विचारक, दार्शनिक थे। वह पूरी जीवन समाज के कर्मकाण्ड, अंधविश्वास, धर्म के नाम पर शोषण के खिलाफ थे। संपूर्ण जीवनकाल में वो विद्रोही थे। जब ओशो थे तब उनको ज्यादा लोग समझ नहीं पाए जिस वजह से लोग उनको fax गुरु, धर्म परिवर्तन करने वाला समझते थे। ओशो ने अपने आपको और दुनिया को समझने के लिए बहुत ध्यान और किताबें पढ़ी। अपने एक भाषण में उन्होंने कहा है कि मैने अपने पूरे जीवनकाल में 1.5 लाख किताबें पढ़ी है “बिना किसी मकसद के और इसमें मुझे बड़ा मजा आया” चलिए भगवान रजनीश से संबंधित प्रश्नों के उत्तर देता हूं जो आप ने पूछे है।


ओशो अपने संन्यासियों से मिलते हुए


यह प्रश्न के उत्तर दिए गए हैं


ओशो क्यों प्रसिद्ध हैं

भारत में बहुत अंधविश्वास है जो धर्म के नाम पर चल रहा है। ओशो सीधा इन पर हमला करते थे। जिस वजह से धर्म से जुड़े लोग इनसे नफरत करने लगे। ओशो के बारे में कई अखबारों में झूठे अफवाहें

 फैलाई गई थी। जैसे ओशो fax गुरु है इनके आश्रम में fax होता है ओशो अधार्मिक गुरु है इस तरह के कई झूठे आरोप उन पर लगे जिस वजह से लोग उनको जानने लगे थे। खासकर fax गुरु का नाम लोग सुनते तो उनमें जिज्ञासा होती आश्रम में आने की जिस वजह से लोगों के बीच ओशो बहुत प्रसिद्ध हो गए।


क्या ओशो को शीला से प्यार था?

मां शीला से एक इंटरव्यू में पूछा गया कि आप दोनों में कुछ था क्या, इस पर उन्होंने कहा कि ओशो को देखने के बाद कोई भी उनकी और आकर्षित हो जाए उनका चेहरा बहुत मनमोहित करने वाला था में उनसे प्यार करती थी और भगवान रजनीश भी मुझसे प्यार करते थे। इसका यह मतलब नहीं कि हमने यौन संबंध बनाया था। यह सामान्य गुरु शिष्य वाला प्यार था इससे ज्यादा कुछ नहीं।


क्या ओशो विवाह में विश्वास करते हैं?

ओशो पारंपरिक विवाह में विश्वास नहीं करते थे। उनका कहना है विवाह अप्राकृतिक है। यह समाज द्वारा बनाया गया एक बंधन है जो दो लोगों को जबरदस्ती न चाह कर भी करना पड़ता है। इसके बजाय ओशो प्रेम में विश्वास रखते थे क्योंकि उनका मानना था कि प्रेम बांधता नहीं है यह आपको आजादी स्वतंत्रता देता है।


शीला जेल में क्यों नहीं है?

1980 में अमेरिका के रजनीशपुरम में शीला ने कई गैर-कानूनी काम को अंजाम दिया था।

1. बायोटेरर अटैक: 1984 में उन्होंने ओरेगन के एक शहर (the dalles) के रेस्टोरेंट में कई लोगों के खाने में "सल्मोनेला बैक्टीरिया" मिलाया था जिससे कई लोग बीमार पड़ गए थे। यह सब स्थानीय चुनाव जीतने के लिए किया गया था।

2. शीला ने 2 साल जेल में बिताया था।

3. फिर 1990 में जेल से रिहा हो गई। ओर स्विट्जरलैंड चली गई। अब शीला एक नर्सिंग होम चला रही है


ओशो के रोल्स रॉयस का क्या हुआ?

ओशो के रजनीशपुरम में 93 रॉल्स रॉयस कारे थीं। उनका मकसद था 365 रॉयल रॉयस तक पहुंचना (यह उन्होंने मजाक में कहा था)

अमेरिका की सरकार ने 1985 में ओशो और उनकी टीम पर केस चलाया इल्जाम कुछ इस तरह थे - इमिग्रेशन फ्रॉड, जासूसी, बायोटेररिज्म

इसी वजह से ओशो को अमेरिका से निकाल दिया गया। और अमेरिका की सरकार ने उनकी ओर कम्यून की बहुत सारी सम्पत्ति ज़ब्त कर ली। जिसमें रॉल्स रॉयस कारे भी शामिल थी। इनमें से कुछ कारे नीलाम कर दी गई। कुछ कम्यून के सदस्यों ने रख लिया कुछ खत्म कर दी गई। बाकी सब का कोई जानकारी नहीं है

ओशो ने लोगो को आकर्षित करने के लिए इतनी रॉल्स रॉयस रखी थी उनका इन चीजों में कोई दिलचस्पी नहीं था।


ओशो का धर्म क्या है?

ओशो बचपन से ही नास्तिक थे। उन्होंने कुछ अपने प्रवचन में कहा है कि में विश्वविद्यालय में नास्तिक रहे है। कोई भी मुझसे अगर भगवान होते है कहता तो में उससे बहस करने लगता और उससे साबित करने को कहता।

ओशो का जन्म जैन धर्म में हुआ था। लेकिन ओशो ने कई धर्मों के ग्रंथ किताबें पढ़ी उनको समझने के लिए। ओशो का कहना था कि में सिर्फ एक धर्म को मानता हूं और वह है "कोई धर्म नहीं"

ओशो ने धर्म के किताबों को पढ़ के इनको अपनाया

  • ध्यान 
  • स्वतंत्रता 
  • प्रेम और करुणा
  • बिना डर के जीना 
  • अंतरात्मा की खोज


ओशो सेक्स गुरु थे?

1970- 80 के दशक में भारत और अमेरिका जैसे देश सेax पर खुलकर बात नहीं करते थे। जब ओशो ने इस विषय पर खुलकर समझाया तो ओशो के कई आलोचकों ओर मीडिया ने ओशो को "सेax गुरु" नाम दे दिया उनका कहना तो यह लोग समझ नहीं पाए।

ओशो ने कहा कि अभी तक मानव जाति ने सेax जैसे चीज को दबाया है छुपाया है लेकिन ऐसा करने से यह खत्म नहीं हुआ बल्कि और इंसान इसकी और आकर्षित होगया है। हमें इससे समझना चाहिए। यह कोई गलत चीज नहीं है यह परमात्मा का दिया गया खास तोहफा है जिसको हम समझने की कोशिश करना चाहिए।


ओशो ने बोलना बंद क्यों कर दिया?

ओशो ने कुछ समय बोलना बंद कर दिया था। 21 मार्च 1981 से जुलाई 1981 तक मौन में चले गए थे। इसका कारण था अपने भीतर गहराई से उतरना। और दूसरों को यह समझाना कि मौन भी एक गहरा संवाद है। उन दिनों ओशो की तबियत भी ठीक नहीं थी। उनके रीढ़ की हड्डी में दर्द था। रजनीशपुरम में रहते हुए उन्हें बहुत कमजोरी और थकावट महसूस होती थी। इसलिए उन्होंने शरीर को आराम देने के लिए बोलना बंद कर दिया था।

सार: अक्सर ऐसा होता है की लोग जिस चीज को समझ नहीं पाते तो उनका गलत मतलब निकाल लेते है इसी तरह लोगो ने ओशो को समझा नहीं। जिस वजह से लोगों उन्हें सेax गुरु समझते हैं जबकि उनका कहने का मतलब कुछ और था।

अंत में आपके अंदर बैठे परमात्मा को मेरा धन्यवाद।

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