ध्यान कैसे करे ? - स्वामी विवेकानंद की विधि

आज के समय में लोग मानसिक रूप से बहुत तनाव में है। इस दौर में मन की शांति पाना एक चुनौती बन गई है। हर इंसान अपने अंदर शांति और सुकून चाहता है, लेकिन हम लोग यह नहीं जानते है, कि वह शांति कैसे मिलेगी। ध्यान (meditation) वह विधि है जिससे मन को शांत किया जा सकता है

ध्यान के कईं तरीके है लेकिन आज में आपको स्वामी विवेकानंद के विधि के बारे में बताऊंगा। यह विधि आपके मन को शांत तो करेगी ही लेकिन साथ ही आप अपनी असली पहचान जान पाओगे। स्वामी विवेकानंद का मानना था कि हम केवल शरीर नहीं है न केवल मन है हम इसके पार भी कुछ है जिसको उन्होंने आत्मा कहा है। ध्यान के ज़रिए हम उस आत्मा का अनुभव कर सकते है


Swami vivekananda dhyaan karte huye


1. स्वामी विवेकानंद के हिसाब से ध्यान क्या है ?

स्वामी विवेकानंद के हिसाब से ध्यान कोई मामूली अभ्यास नहीं था, बल्कि अपनी आत्मा की खोज के लिए एक विधि है। उनका कहना था कि जब मन पूरी तरह से शांत होता है तब आत्मा का सच्चा अनुभव होता है। स्वामी विवेकानंद ने इसी पर एक इंग्लिश में quote कहा था

The greatest religion is to be true to your own nature. Have faith in yourselves.

अर्थ: अपना स्वभाव के प्रति सच्चा रहना, अपने आप में विश्वास रखना। यही महान धर्म है 

 

विवेकानंद कहते थे कि:

1) ध्यान से मन के विचारों की भीड़ कम होती है और मन एक काम को एकाग्रता से करता है।

2) यह इंसान को भीतर से शांत करता है और निडर बनाता है।

3) बाहरी दुनिया को बदलने से पहले खुदको भीतर से बदलना जरूरी है जो ध्यान ही कर सकता है।

विवेकानंद के अनुसार सच्चा ध्यान वही है जिसमें स्वयं का अनुभव हो। और व्यक्ति को यह बोध हो कि वह अनंत आत्मा है - न कि एक सीमित शरीर या पहचान।

2. ध्यान करने की स्वामी विवेकानंद विधि

उनका तरीका बहुत सरल है। लेकिन शुरुआत में आपको तकलीफ हो सकती है जैसे कि आपका मन कईं विचारों, कल्पना, अतीत की यादें, भविष्य की चिंता के जरिए आपको भटकाने की कोशिश करेगा।लेकिन आपको भटकना नहीं है। तो चलिए वो विधि आपको बताता हु।

1) एक शांत जगह बैठे या लैट जाएं 

2) अपने शरीर को पूरी तरह से ढीला छोड़ दे जैसे कि आप मर चुके है

3) अब अपने मन में आते जाते विचारों को देखे। उसमें शामिल न हो, या उन्हें रोकने की कोशिश भी न करे बस देखे।

जैसे आप सिनेमा हॉल में है और मूवी चल रही है जिसको आप आराम से देख रहे है आप मूवी नहीं है आप देखने वाले दृष्टा है जो सब कुछ होते हुए देख रहा है। कुछ समय बाद आपको अलग ही शांति महसूस होगी जिसको शब्दों में बया करना मुमकिन नहीं है लेकिन में फिर भी कोशिश कर रहा हु

3. ध्यान करने के फायदे

1) मन में शांति ओर हल्कापन सा महसूस होगा

2) विचार अभी भी आयेंगे। क्योंकि मन का स्वभाव ही है विचार करना, लेकिन उनसे आपको कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

3) अब किसी भी काम को आप ध्यान लगाके कर पाएंगे 

4) अब आप स्वयं में ही आनंदित रहेंगे

5) इससे आपकी जिंदगी, परिवार, करियर में फायदा होगा

ध्यान सिर्फ अभ्यास नहीं है, यह जीवन जीने की कला है स्वामी विवेकानंद की विधि सरल जरूर है लेकिन अभ्यास से ही आप ध्यान के गहराई तक जा पाएंगे। आज के भागदौड़ युग में ध्यान की कला आना बहुत जरूरी है। इसी से हम आत्मबल, मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त कर सकते है।

4. स्वामी विवेकानंद के प्रेरणादायक कथन

You have to grow from the inside out. None can teach you, none can make you spiritual. There is no other teacher but your own soul.

अर्थ: तुम्हे भीतर से विकसित होना पड़ेगा। कोई तुम्हे सीखा नहीं सकता, कोई तुम्हे आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुम्हारा अपना आत्मा ही तुम्हारा सच्चा गुरु है।

Meditation can turn fools into sages but unfortunately fools never meditate.

ध्यान मूर्खो को भी ज्ञानी बना सकता है। लेकिन दुर्भाग्य से मूर्ख ध्यान करते ही नहीं।

Arise, awake, and stop not till the goal is reached.

उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाएं

Each soul is potentially divine. The goal is to manifest this divinity within.

हर आत्मा ईश्वरवत है। लक्ष्य है उस दिव्यता को अपने भीतर प्रकट होना।

सार: शुरुआत में हर दिन 10-15 मिनट से शुरू करे। अभ्यास से ध्यान गहरा होता जाएगा। फिर आप अपने हिसाब से समय को बढ़ा सकते है। और एक बात बताऊं, यह लेख मैं ध्यान करने के बाद ही लिख रहा हु। इस लेख को लिखते वक्त मेरा पूरा ध्यान लिखने पर ही था। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो आप हमारी और भी लेख पढ़ सकते है। धन्यवाद

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